Madhu varma

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लेखनी कविता - नीम - बालस्वरूप राही

नीम / बालस्वरूप राही


दूर रहेंगे वैद, हकीम
घर में एक लगा ली नीम।
बसे बीसियों इसमें गुण,
जादूगर इस की दातुन।
दांतों को चमकती है,
मोती उन्हें बनती है।

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